अर्चना भार्गव वाक्य
उच्चारण: [ arechenaa bhaaregav ]
उदाहरण वाक्य
- बैंक की नवनियुक्त चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अर्चना भार्गव ने कल यह बात कही।
- अर्चना भार्गव इसी साल 23 अप्रैल को युनाइटेड बैंक की चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर बनीं.
- इनके अलावा इलाहाबाद बैंक की प्रमुख शुभलक्ष्मी पनसे और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की प्रमुख अर्चना भार्गव हैं।
- अर्चना भार्गव ने केनरा बैंक के कारोबार को ग्रेट ब्रिटेन सहित यूरोप के कई देशों और अफ़्रीक़ी महादेश में काफ़ी फैलाया.
- मेरे पति को ईसाईयों ने जान से ख़त्म कर दिया क्योंकि वो ईसाई नहीं बने! गोद में दुधमुहे बच्चे को लेकर सिसकते हुए अर्चना भार्गव जी जो कि छतीसगढ़
- इसके पहले सरकारी बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया में वीआर अय्यर, इलाहाबाद बैंक में सुबालक्ष्मी पनसे, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में अर्चना भार्गव प्रमुख के रूप में कार्य कर रही हैं।
- इंदौर में आज़ादी बचाओ आन्दोलन का राष्ट्रीय सम्मलेन में शामिल होने के बाद रविवार को मेधा पाटेकर छिंदवाड़ा में अर्चना भार्गव की दिवंगत माता की तेरहवीं में शामिल होने के लिए आई थी।
- पी0 एच0 डी0 चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स & इंडस्ट्री नई देल्ही ः यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री मति अर्चना भार्गव ने कहा है की वित्त मंत्रालय ने यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया को 500 करोड़ रूपये की पूंजी अंतर्प्रवाह जारी किया है जिससे पूर्वोत्तर राज्य के विभिन्न भागों में वह 100 नए आउटलेट तथा गुजरात []
- इलाहाबाद बैंक में शुभलक्ष्मी पानसे, आईसीआईसीआई बैंक में चंदा कोचर, बैंक ऑफ इंडिया में विजयलक्ष्मी अय्यर, ऐक्सिस बैंक में शिखा शर्मा और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में अर्चना भार्गव के अलावा कई विदेशी बैंकों की भारतीय शाखाओं, मसलन एचएसबीसी में नैना लाल किदवई और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच में काकू नाखटे के रूप में महिलाएं पहले से ही भारतीय बैंकिंग की केंद्रीय भूमिका में हैं।
- पुलिस को इसकी सूचना पहले से ही थी कि मेधा पाटेकर तेरहवीं कार्यक्रम के उपरान्त छिंदवाडा में भू अधिग्रहण के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगी इसलिए एहतियातन उन्हें स्टेशन पर ही नज़रबंद कर लिया गया, पर जैसे-तैसे मेधा एवं उनके साथी छापाखाना मोहल्ले तक पहुंच गये, इसी मोहल्ले में अर्चना भार्गव का घर भी है, पुलिस ने अर्चना को उनकी माँ की तेरहवीं के दिन ही गिरफ्तार कर ये साबित कर दिया कि उसकी नज़रों में संवेदना एवं भावनाओं का कोई सम्मान नही।
अधिक: आगे